आखिर कब तक
आखिर कब तक
आखिर कितनी खूबसूरती काफी है
किसी की दुल्हन बनने के लिए
यदि चमड़ी का रंग गोरा जरूरी है
तो आखिर कितना गोरा जरूरी है
इसकी भी कोई पैमाना बना है
तो उस पैमाने का
नजर आना भी जरूरी है
हाइट कितनी होनी चाहिये
इसका भी कोई पैमाना है
यदि है तो नजर आना भी जरूरी है
बाल कैसे होने चाहिए
छोटे ,मोटे, लम्बे
पतले घुँघराले
इसका भी कोई पैमाना
हो तो नजर आना जरूरी है
लड़की मोटी हो
पतली हो
कैसी हो
इसका भी पैमाना हो तो
नजर आना जरूरी है
आँखों का रंग कैसा हो
नीला, भूरा मन्जा काला
इसका भी पैमाना है
तो नजर आना भी जरूरी है
माथा छोटा हो
बड़ा हो लम्बा हो
इसका भी कोई पैमाना हो
तो नजर आना जरूरी है
आखिर कब तक हम
खूबसूरती के नाम
अपनी बेटियों की प्रदर्शनी लगाते रहेंगे
बंद कीजिए
कमियाँ तो हर इंसान के है
खामियों को नजरंदाज कीजिये
नजर से नहीं नजरिये से देखिये
बेटियाँ भी इंसान है