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नविता यादव

Drama

4.3  

नविता यादव

Drama

बूँद बूँद का साथ

बूँद बूँद का साथ

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यारों बारिश का एक अलग ही नशा है,

आसमाँ से बरसे तो भीगने में मजा है

नैनो से बरसे तो भावनाओं के

हल्का होने में मजा है।


छम छम छम छम बूँद जब गिरती है

छल छल छल छल अँखियाँ छलक पड़ती हैं,

कोई नहीं समझ पाता आखिर क्या हो रहा हैं,

जल के साथ जल का संगम हो रहा है।


कहे अनकहे से पहलू बहे जा रहे हैं,

दिल के अरमान आँसुओं संग

निकले जा रहे हैं

शोर भी है, खामोशी भी है।


मौसम का इस कदर

आनंद हम भी उठा रहे है

कोई पूछे नहीं,कोई रोके नहीं

कोई समझे नहीं, कोई टोके नहीं।


बहे जाये आसूँ, बहे जाये आसूँ

बहे जाये सवाल,बहे जाये जवाब,

सम्भल जाये हम सम्भल जाये हम

ना कोई गम ना कोई हमदम

बस हम और बरसात का संग।


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