मोहलत
मोहलत
मोहलत दे अगर जिंदगी तू मुझे थोड़ी सी,
तो मैं तुझे तेरे ही खेल में हराऊँ।
सुना है बहुत रुलाती है तू लोगो को,
एक दिन आ बैठ मेरे साथ तुझे
उन आँसुओं की कीमत बताऊँ।
मयख़ाना खाली है तो ये न समझ न के,
शराब पीनी छोड़ दी शराबियों ने,
यहां कुछ गम के मारे शराबी,
अपने दुखों का नशा करते हैं।
लोग कभी बुरे या भले नहीं होते,
उनकी कुछ आदतें
और फितरत बुरी होती है।
जो सोचते है दूसरों का बुरा,
करते हैं दूसरों क़ी बुराइयाँ,
उनकी खुद क़ी टाँगें
दुखों की जंजीरों में
जकड़ी होती है।
खुदा करे में जब दुआ मांगू
दुआ में सबकी भलाई आये।
टूटती उमीदो में एक आ
स भरा पैगाम आये।
झंझोड़ के रख दे उनकी आत्मा को
ए खुदा जिनकी आत्मा मर गई हैं।
मरने से पहले उनके हिस्से में भी
एक पुण्य का काम गिना जाये।