हकीकत
हकीकत
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ये जिंदगी मेरी जाने क्या फैसला लेगी
बदलेगी मंजिल ये मेरी या कोई नई राह चुनेगी !
बहुत से कांटे है अभी इस जिंदगी में,
जाने कब फूलों का बगीचा बुनेगी !
ये जिंदगी मेरी जाने क्या फैसला लेगी !
ऐ दिल तू थोड़ी तसल्ली तो रख,
वो एक दिन लौटेगा जरूर !
ऐ दिल तू थोड़ी तसल्ली तो रख,
वो एक दिन लौटेगा जरूर !
बेशक आज गवारा नहीं,
उसे हमारी शक्ल देखना
एक दिन राख में मिल जायेंगे हम,
और वो हमारे वजूद को राख में टटोलेगा !