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Deepti Sharma

Others

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Deepti Sharma

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जिंदगी

जिंदगी

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मौहलत दे अगर जिंदगी तू मुझे थोड़ी सी,

तो मैं तुझे तेरे ही खेल में हराऊं।

सुना है बहुत रुलाती है तू लोगो को ,

एक दिन आ बैठ मेरे साथ

तुझे उन आँसुओ की कीमत बताऊँ।


मयख़ाना खाली है तो ये न समझना के,

शराब पीनी छोड़ दी शराबियों ने,

यहां कुछ गम के मारे शराबी,

अपने दुखो का नशा करते है।


लोग कभी बुरे या भले नहीं होते,

उनकी कुछ आदते और फितरत बुरी होती है

जो सोचते है दूसरो का बुरा,

करते है दूसरो क़ी बुराईया,

उनकी खुद क़ी टाँगे दुखों की

जंजीरो में जकड़ी होती है।


खुदा करे में जब दुआ मांगूँ

दुआ में सबकी भलाई आये।

टूटती उम्मीदों में एक आस

भरा पैगाम आये।

झंझोड़ के रख दे उनकी आत्मा को

ए खुदा जिनकी आत्मा मर गयी है।

मरने से पहले उनके हिस्से में भी

किसी के भलाई करने का

एक पुण्य गिना जाये।


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