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Happy Kumar

Drama

5.0  

Happy Kumar

Drama

हक़ की जंग

हक़ की जंग

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गरीबो की गरीबी पर कभी हँसना नही,

हो सके तो उनसे कभी मुँह फेरना नहीं।

यूँ ही काफ़ी दर्द झेलते हैं वो,

तुम्हारी बेरुखी झेलने की ताकत नहीं।


याद रखना हमेशा यह बात,

उन्हीं के वोटों से मिली है तुम्हें बिसात।

वो तो बस माँगते अपना हक़,

नोटों में मत तोलो उनकी औकात।


अब जो और नासमझी की तुमने,

अब जो तुम्हारी नियत में आई खोट।

तो हम अब और सहेंगे नहीं,

पड़ेगी तुम्हें अब वोटों की चोट।


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