STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Drama

3  

Rajit ram Ranjan

Drama

बस अब औऱ नहीं होगा !

बस अब औऱ नहीं होगा !

1 min
322

डर-डर के हमने 

बहुत जी लिये, 

गम जुदाई का 

बहुत सह लिये, 

काफ़ी वक़्त काटे 

गुमसुम बैठके 

तनहा अकेले में, 

बस अब औऱ नहीं होगा !


हम डरते रहे तो 

लोगों ने 

डराया बहुत, 

हम भागते रहे तो 

लोगों ने 

दौड़ाया बहुत, 

हम ख़ामोश रहे तो 

लोगों ने 

चिल्लाया बहुत, 

बस अब औऱ नहीं होगा !


हमारी नादानी को लोग 

कमजोरी समझ बैठें, 

हमारी मायूसी को लोग 

मजबूरी समझ बैठें, 

हमारी मनमानी को लोग 

अय्याशी समझ बैठें, 

हमारी सच्चाई को लोग 

परछाई समझ बैठें, 

बस अब औऱ नहीं होगा !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama