दिल की अदालत में
दिल की अदालत में
एक अतीत का पन्ना आज भी है फटा हुआ,
ज़िंदगी का एक हिस्सा आज भी है छूटा हुआ।
अतीत का लम्हा आज भी है कैद,
वो कैदी की सुनवाही है करनी आज।
अतीत की वो यादें आज कुरेदी गयी है,
उम्रकैद करनी है आज उन सारी यादों को।
अतीत का हर वो गम आज है कम,
और सारे गवाह है हाजिर आज दिल की अदालत में।
वो अटूट रिश्ता आज टूटेगा और इंसाफ होगा,
आज दिल की अदालत में !