खुद को खो कर..
खुद को खो कर..
खुद को खो कर,
हम नए रिश्ते बनाने चले थे,
छोड़ गए जब वो अपना मतलब पूरा होते ही हमे,
तब, हमे खुद की एहमियत समझ आई थी।
खुद को खो कर,
हम अपने प्यार को पाने चले थे,
छोड़ गया जब वो बीच राह में हमे,
तब, हमे खुद की एहमियत समझ आई थी।
खुद को खो कर,
हम अपनों को खुश रखने चले थे,
अपनों ने जब पराया कर दिया हमे,
तब, हमे खुद की एहमियत समझ आई थी।