क़िताबों के शहर
क़िताबों के शहर
मतलबी लोगों की दुनिया में लगता नहीं है मेरा मन।
इसलिए क़िताबों के शहर में रहता हूं, मैं अब मगन।
क़िताबों के शहर में बड़ा सुकून मुझे जाता है मिल।
क़िताबें न बेवफ़ाई करती हैं, न ही तोड़ती हैं दिल।
क़िताबों के शहर में महसूस नहीं होता अकेलापन।
दिल खुश रहता है, तसल्ली में रहे दिमाग़ और तन।
क़िताबों के शहर में मुझे ज्ञान और जानकारी मिले।
क़िताबों से मनोरंजन पाकर मेरा तन और मन खिले।
