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राही अंजाना

Drama

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राही अंजाना

Drama

ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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ख्वाहिशें हर एक रोज हमसे झगड़ती रहीं,

अंजान होकर के खुद पर ही अकड़ती रहीं।


समझाया बहुत मगर समझी एक बार नहीं,

हर बार चेहरा बदलकर मुझको पकड़ती रहीं।


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