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Chandni Purohit

Horror Crime

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Chandni Purohit

Horror Crime

खुदकुशी

खुदकुशी

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कर के तुम्हें ये सब, क्या कुछ भी तुम्हे हासिल होता है

हर खुदकुशी के पीछे जरूर कोई एक कातिल होता है


मोड़ लेना इस कदर दुनिया से रूख क्या वाजिब होता है

गहरे से गहरे समुद्र का भी जरूर कोई एक साहिल होता है


आना और यूं दिलों पर राज करना, ना मुनासिब होता है

होता है वो लाखों में से एक जो इन सबके काबिल होता है


परीक्षा से भी कठिन, जीवन का हर एक आयाम होता है

रख लो जो थोड़ा धीरज तुम, हर इक पल नायाब होता है


हो कितने भी बडे, खुद को हर समय ये सिखलाना होता है

कि किसके हैं पैर छूने और कहाँ पर सर झुकाना होता है


हमारी मनोदशा से वाकिफ, कब ये सारा जमाना होता है

होती है जब कोई अनहोनी, प्रतीत अपनत्व सहारा होता है।


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