आत्महत्या...। आत्महत्या...।
बिलखती है ख़ामोशी चीख़ता है सन्नाटा पालनकर्ता माँग रहा है दो रोटी का आटा...! बिलखती है ख़ामोशी चीख़ता है सन्नाटा पालनकर्ता माँग रहा है दो रोटी का आटा...!
राजनीति पर प्रहार करती एक मार्मिक कविता...! राजनीति पर प्रहार करती एक मार्मिक कविता...!
यहाँ कफ़न से सस्ती, रस्सी बिकती है ! यहाँ कफ़न से सस्ती, रस्सी बिकती है !
अमुआ की डाली पर, झूली माटी पालनहार की...! अमुआ की डाली पर, झूली माटी पालनहार की...!
एक हतप्रभ करने वाला खबर था, किसी पिता को बुखार में तपते बच्चे को हाथ में लिए बड़े बड़े अस्पताल से लौटा... एक हतप्रभ करने वाला खबर था, किसी पिता को बुखार में तपते बच्चे को हाथ में लिए बड़े...