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पूर्णेश्वर पाण्डेय

Drama Inspirational

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पूर्णेश्वर पाण्डेय

Drama Inspirational

खुद से मिलन जब होगा

खुद से मिलन जब होगा

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मौन पड़े इस अशांत मन में,

भाव लहर इक दौड़ेगी।

खुद से खुद का मिलन जब होगा,

शांति लहर इक दौड़ेगी।।


अवरुद्ध कंठ की इस वाणी में,

कोकिल का स्वर गूँजेगा।

खुद से खुद का मिलन जब होगा,

गीतों का स्वर गूँजेगा।।


सिथिल पड़े इन कणों में,

सेवा भाव जागेगा।।

खुद से खुद का मिलना जब होगा,

कर्मण्य भाव जागेगा।।


प्रेमानुराग वंचित इस हृदय में,

प्रेम का रस बरसेगा।

खुद से खुद का मिलन जब होगा,

आंनद का रस बरसेगा।


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