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Amitosh Sharma

Fantasy

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Amitosh Sharma

Fantasy

'खामोशियों की कहानी’

'खामोशियों की कहानी’

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मैं अक्सर खुद की खामोशी से गुप्तगु करता रहता हूँ ,एक दफ़ा मैंने उससे पूछा, बता तेरी खूबसूरती क्या है? उसने बड़े प्यार से कहा, "बिन कहे सब कह जाना"! मैं हैरान रह गया पर जब मैंने इस समंदर की गहराईयों में गोता लगाया तो पाया कि ख़ामोशी पढ़ना तो एक कला है और इस हुनर से मैंने सीखा कि, 'अक्सर किताबों से अधिक तो चेहरे पर लिखा होता है'।


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