मां तंग कब होती है?
मां तंग कब होती है?
छोटे बच्चे मां को कभी तंग नहीं करते।
पूरी रात मां कभी भी सो नहीं सकती है।
थोड़ी थोड़ी देर में अपने बच्चे को बिस्तर पर ही तकती है।
बच्चा चाहे बोल ना पाए पर वह उसकी हर बात समझती है।
जब स्कूल में जाए बच्चे तो दिल घबराता है।
चैन ना आता मन को जब तक बच्चा घर नहीं आता है।
और बड़े हो जाएं तो सब इच्छा कटती है,
बस वही खरीदा जाता है,
जो बच्चे की मर्जी है।
बच्चों के हर शोर पर मां वारी वारी है
कॉलेज जाए बच्चे तो मां न्यारी न्यारी है।
मां का मन बच्चे के साथ कहां कहां तक जाता है।
जब बच्चा पढ़ने के लिए कहीं दूर को जाता है।
पापा के खर्चे खत्म, सब बच्चे के होते हैं
अपने सपने चुक गए सब,
बच्चे ही माता-पिता का भविष्य होते हैं।
जिंदगी जब आगे बढ़ती है तो बच्चे बड़े भी होते हैं।
लेकिन उन बच्चों के लिए लिए भी भविष्य उनके बच्चे ही होते हैं।
मां फिर भी खुश है बच्चों को उनके भरे पूरे घर में देखकर।
अब तो बड़े बच्चे भी खुद में वह अब कोई काम क्यों कर करें मां बाप से पूछ कर। ।
लेकिन उनके ख्याल में पूरी रात मां अब भी नहीं सोती है।
प्यार तो उनको पहले सा वह अब भी करती है।
समझ नहीं आता फिर वह बच्चों से वह तंग कब होती है?
बच्चे बहुत तंग करते हैं ऐसा आपस में वह क्यों कर कहतीं हैं।
