तू आख़िरी अंशु
तू आख़िरी अंशु
मैंने कहा था तू आख़िरी अंशु, तूने हकीकत में बदल दिया,
किसी का जाना हमारे बस में नहीं क्योंकि प्यार तो आजादी का नाम है,
और मैं तो वही महंगा प्रेमी हूं जो सामने वाले के भविष्य विकास और खुशी के लिए उसे आज़ाद कर देगा।
क्योंकि जबरदस्ती तो सस्ते आशिक करते हैं , अपनी हर जरूरत पूर्ति के लिए जकड़ कर रखते हैं।
पर मैं खुद को जकड़ कर रखूंगा क्योंकि किसी के जाने पर हमारा बस नहीं पर अब से किसी का भी आना सिर्फ़ और सिर्फ़ मेरे बस में है, वादा था, न कोई आया था जब तक साथ थी , न कोई आयेगा जब तक खुद के चेतना में रहूंगा।।
कहा था मैंने अपना प्यार आध्यात्मिक होगा अब उसको निभाने की बारी है, न अंशु दिखेगा न सिसकन सुनाई देगी, न ही आँखें फूलेंगी, न ही होठ थरथराएंगी, अब चेहरे पर कोई भाव नहीं रह जाएगा।
वो चमकती आँखें, गुदगुदी से चेहरे का खिलना, लबों की किलकारियां सब सन्नाटे और चुप्पी के अंधकार में छिप जाएंगे चेहरे पर तेरे जाने का मातम श्रृंगार बनकर खिलेगा।
मैंने कहा था तू आख़िरी अंशु है जाना मत गई तो तू भी आख़िरी तेरे अंशु भी आख़िरी और दर्द भी क्यूंकि अब किसी की औकात नहीं आकर दर्द दे सके,
क्योंकि इस दर्द और सन्नाटे से खुद को ऐसी दोस्ती और ज़ख्म का एहसास दूंगा कि मेरी खुद की रूह कांपेंगी किसी के बारे में सोचकर भी, तो आप मेरे प्यार को लेकर बेफिक्र जीना की वो मर जाए फिर भी प्यार आध्यात्मिक आपका ही रहेगा क्योंकि तू आख़िरी अंशु आरू ।।

