"शिव भक्ति की शक्ति"
"शिव भक्ति की शक्ति"
अगर अन्ज़ान ग़लतियों के रास्ते भी परमात्मा कि ओर इशारा करे,
तो मानो कोई शक्ति आपके आत्मा की पवित्रता और नेकी से प्रसन्न होकर,
उसे अपना बनाकर,
उसमें समा रही हो,
क्योंकि भक्त और भगवान की रीति कहती है कि,
पवित्र आत्मा मे ही परमात्मा का वास् होता है।
और महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर मानो,
शिव समा रहे मुझमें, और मैं शुन्य हो रहा हूँ।
ये महज़ संयोग नही क्यूंकि आज,
इस आत्मा को शिव का सहारा मिल गया,
मरने से अब डर नहीं,
क्योंकि ज़िन्दगी जीने का एक इशारा मिल गया,
आज भक्ति कबूल हुई,
और मानो (महादेव) जग सारा मिल गया।
जै शिवशंकर महराज।
हरि ॐ।।
