शायरी
शायरी
1. मेरी पलकों पर अब तक
तेरी जुल्फों के सायों का गुमान है
थिरकते लबों पर, तेरे बेचैन
नगमों का कारवां है
तू अमानत है गैर की
कुछ कह नहीं सकता
खामोश दिल की वादी में
तेरा प्यार चुप रह नहीं सकता
2. सांझ के धुंधलके में
मेरे नैन दीप जल उठे
तुझे देखने को सुबह तक
अश्क राख बन कर बह गए।