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ananya rai

Romance Fantasy Inspirational

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ananya rai

Romance Fantasy Inspirational

फिर तुझे वो याद आया

फिर तुझे वो याद आया

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तू अगर देखे सादगी मेरी

फ़िर तबीयत है शायरी मेरी


दर्द ओ ग़म में वफ़ा मिलाई गई

और तख़लीक़ की गई मेरी


मुझको इतना बताओ सच-सच तुम

याद आती नहीं कभी मेरी


हर अंधेरा मिटा सकूं मैं यहाँ

दूर तक जाए रौशनी मेरी


अब भी तुझसे वफ़ा निभाऊंगी

अब भी बाक़ी है ज़िन्दगी मेरी


कितने दिन से तेरा गुज़र ना हुआ

कितनी वीरां हुई गली मेरी


मैं भी शब में फ़लक पे होती हूँ

कौन देखेगा चांदनी मेरी


तेरी साँसों की ख़ुशबुओं में हूँ

तुझको ज़ाहिर न हो कमी मेरी


फिर अनन्या तुझे वो याद आया

कह रही आंखों की नमी मेरी



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