विश्व माली
विश्व माली
जहाँ धैर्य है, शौर्य, पराक्रम
जय भी वहीं मिलेगी।
चट्टानों को चीर बीज की भी
जीवनी खिलेगी।
सम्भव भी सम्भव हो पाता
जब प्रयास होता है।
अकर्मण्य निष्क्रिय होकर के
चिर निराश होता है।
पाषाणों का वक्ष चीर कर
बिहंस रही हरियाली।
जो भी लगे असम्भव
सम्भव करे विश्व का माली ।