कविता
कविता
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हिंदी है भारत की राष्ट्र भाषा
हीरे की तरह इसे तराशा
सहज सरल है भाषा
एकता की यह आशा
देश विदेश में बोली जाए
सब के मन को भाषा भाए
सीधे सादे शब्दों में
हर एक को अपनाए
वैर विरोध को दूर हटाए
ऊंच नीच का भेद मिटाए
हिंदी दिवस की शान बढ़ाए
बड़े मान से हर जन गाए
सहज सरल है भाषा
एकता की यह आशा
जब जब तिरंगा लहराए
जन गण मन अधिनायक गाकर
भारत की आन और शान बढ़ाए
भारत हमारी माता है
जन्म जन्म का नाता है
सब के मन को रास आए जो
हिंदी राष्ट्र भाषा है
हिंदी भाषा के स्वर और व्यंजन
एकता के हैं बंधन
सभ्यता और संस्कृति का दर्पण
हिंदी भाषा को है अर्पण
सहज सरल है भाषा
एकता की यह आशा