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Minal Aggarwal

Fantasy

4  

Minal Aggarwal

Fantasy

यही वह दुनिया है जहां

यही वह दुनिया है जहां

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मैं एक खूबसूरत लड़की हूं 

मैंने अपने जीवन की यात्रा 

शून्य से शुरू करी और 

शून्य पर ही वह खत्म होगी 

यह निश्चित तौर पर मैं 

इस कारण कह पा रही हूं कि 

जीवन रहते 

देख रही हूं 

समझ रही हूं 

दूसरों के अनुभवों से सीख रही हूं 

जन्म से किसी भी जीव के जीवन की 

शुरुआत होती है और 

उसके जीवन की यात्रा का 

आखिरी पड़ाव मौत होता है 

जन्म और मृत्यु 

जीवन की यात्रा के 

दो सिरे हैं 

दो बिंदु हैं 

दो पहलू हैं 

जन्म से लेकर मृत्यु तक का 

सफर कैसे कटेगा 

यह रहस्य तो कोई नहीं जानता 

रहस्य से पर्दा हटता रहता है 

जैसे जैसे किसी का जीवन आगे 

बढ़ता रहता है 

मेरी तो सबके लिए यही कामना 

होती है कि 

सबका जीवन सुखपूर्वक बीते 

पूर्णतया नहीं तो उसके जीवन रूपी 

यात्रा का अधिकतम भाग 

यात्रायें भी कई प्रकार की 

होती है 

मुख्यतया

एक बाहरी दुनिया होती है 

दूसरी आंतरिक 

मेरा मानना है कि 

किसी की आंतरिक दुनिया 

बाहरी दुनिया से भी अधिक 

सुंदर और विशाल है 

लेकिन 

हर किसी की वहां तक पहुंच नहीं 

इसके लिए साधना करनी पड़ती है 

एक योगी के जीवन सा अभ्यास करना 

होता है 

प्रभु कृपा का होना भी अति आवश्यक है 

एक सुंदर तन न भी हो पर 

एक सुंदर मन की अति आवश्यकता है 

मन का द्वार खोलने पर 

आंतरिक यात्रा का आरंभ होता है 

यही वह दुनिया है जहां जो 

पाना चाहते हो 

जो खोज रहे हो 

जो तुम्हारे सपने हैं 

आकांक्षायें हैं 

महत्वकांक्षायें हैं 

सब कुछ तुम्हें मिलेगा और 

वह भी हवा, पानी, मिट्टी 

या प्रकृति द्वारा प्रदत्त

प्राकृतिक उपहारों की तरह ही 

एकदम मुफ्त 

संतोष की तो कोई सीमा ही नहीं 

यहां 

खुशी का ठिकाना नहीं 

आनंद की चरम अनुभूति होती 

है 

इस यात्रा में 

विशालता को मापने का यहां 

कोई पैमाना नहीं।



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