आने वाला कल साथ हमारा हो
आने वाला कल साथ हमारा हो
बनारस के घाट का किनारा हो
हर पल साथ तुम्हारा हो
आने वाला कल हमारा हो
हर पल विश्वास तुम्हारा हो
बाइक पर बैठा रहूं मैं
कांधे पर सर रखा तुम्हारा हो
बनारस की संकरी तंग गलियों में
दिन दुपहरी सन्नाटों के पहरों में
शरारती बांहों में साथ तुम्हारा हो
मेरे ना हो पाने पर तेरा घबरा जाना
माथे पे चिंता की लकीर तुम्हारा हो
कश्ती पर हम दोनों खोए रहे
हम दोनों से दूर किनारा हो
उस पार रेत में हम दौड़े खेले
जान बुझ के हार जाना
ये अच्छा खासा प्यार तुम्हारा हो
जब मैं कोई गम में खो जाऊं
तुम्हारे कांधे पर सर रखा हमारा हो
मेरे लिए सर पर दुपट्टा रख
मंदिर में दुआ अर्चना करो तुम
आस्था में विश्वास हमारा हो
सुनहरी चूड़ियां खरीदो तुम
और हाथों में पहनाने का हक हमारा हो
मेरे लिए चोरी चुपके तेरा व्रत रख लेना
हर खुशी में जिक्र हमारा हो
बाते करते करते तेरा रो देना वह भावात्मक भाव तुम्हारा हो
मेरे लिए सजना संवरना
हर पसंद में मेरा पसंद हो जाना जाने क्यों जिक्र हमारा हो
सजदे हर पहर तुम करती मेरे लिए
हर जन्म में साथ हमारा हो
जब संकट के बदली छा जाए
सीने में छुपा सर हमारा हो
बैठ मैं गंगा की स्वच्छ लहरे को देखूं
चुपके तुम्हारी आंखें मुझे निहारे ऐसा कल हमारा हो
सामने तुम यूं ही बैठे हमें तकते रहो
आंखों में आंख तुम्हारा हो
मैं तुम्हारे गोंद में खोया रहूँ हरदम
मेरे बालो में फेरता हाथ तुम्हारा हो
जब भी मैं तुम्हारे खूबसूरती को कैमरे में
कैद करता
जानबूझ के तेरा मुंह टेढ़ा मेढ़ा करना
ये शैतानी हरकत तुम्हारा हो
मौसम यूं ही बेईमान रहे
घाट पर भी सुनहरी शाम रहे
काली साड़ी में लिपटी रहो तुम
भीगी लट में यूँ ही उलझी रहो तुम
कयामत सी यूँ ही दिखती रहो तुम
हर श्रृंगार में नाम हमारा हो।।