ख्वाबों की दास्तान...
ख्वाबों की दास्तान...
ख्वाबों से दूर न होकर,
जो प्यार के लिये तरसते हैं..
ख्वाब सजाये थे उन्होंने,
आंसू इसलिये बरसते हे...!
प्यार करके जो कभी ,
नहीं मिल सके
दास्तान तो उनकी है,
जो सिर्फ ख्वाब ही सजा सके..!
हर तरफ से हो गये नाकाम,
फिर भी दर्द अभी भी है दिल में,
क्या जाने आगे क्या होगा,
क्योंकि ख्वाहिश अभी भी है साथ में !
ए खुदा मुकम्मल करना इश्क़ उनका
जो हे एक दूसरे के लिये बने,
क्योंकि गली गली के हर एक
मोड़ पे दिल टूटे हुए आशिक़ घूम रहे..!
