STORYMIRROR

Rutuja Mahajan

Romance Fantasy

4  

Rutuja Mahajan

Romance Fantasy

तेरी हर एक बारिश !

तेरी हर एक बारिश !

1 min
286

तेरी हर एक बारिश मे भिगना

अब आदत है मेरी, 

तुझे चाहू हर पल ऐसे ही

क्या इजाजत हें तेरी.


ना भुला पाया लम्हे वो

बरसात के, 

 छुपती छुपाती हुई

प्यारी सी मुलाकात के.


अब बरसती हुई हर एक बारिश

 तेरी याद दिलाती है, 

तु पास नही ही मेरे तो

क्या तेरी याद तो हर पल आती है.


चाहे तु कितनाभी रुलाले

एक बात हमेशा याद रहेगी, 

तेरी हर एक बारिश

इस आशिक के दिल से ना जायेगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance