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S R Daemrot (उल्लास भरतपुरी)

Fantasy Inspirational Others

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S R Daemrot (उल्लास भरतपुरी)

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बधाई संदेश

बधाई संदेश

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बधाई, दुनिया भर को भी दें, कभी कम नहीं होगी।

मुबारक , दिल की दुआ है, कोई नकदी तो नहीं है।

चेहरे चमक उठते हैं, मिलते हैं बाहें भर करके।

फिर बताओ क्या खुशी से, आँखें नम नहीं होंगी।

हमारे मुल्क की खूबी है यहां रहते हैं कई धर्म।

और मिल के देते आये हैं त्यौहारों में बधाई।

यहाँ एक दूसरे के, 'भात' भरते हैं हिंदु-मुसलमां।

मिलकर बारात में जाते हैं, जब हों ब्याह सगाई।

नफरतों की चिंगारी पे, गर गिरा दें प्रेम का पानी।

किसकी मज़ाल है, मुल्क में जो आग लगा दे।

मजहबी झण्डों को रखो, घरों, मंदिर व मस्जिद में।

हाथों में तिरंगा लेके निकलो, देखें कौन भगा दे।।

जो कट्टर हैं, जिस भी तरफ हैं, सुन लें, अगर कायदे में रहोगे।

कानून के जाल से बचे रहे, तो फायदे में रहोगे।

नफ़रत की नमी में , खुशी की खेती नहीं मुमकिन।

सारे मिलकर रहे तो प्रेम के वायदों में रहोगे।

हो चाहे ईद, दीवाली, बैशाखी या हो बड़ा दिन,

बधाइयों से खुशी का इजहार ही होगा।

"उल्लास" सब एकजुट रहेंगे,

और तिरंगा फहरेगा यक़ीनन, आपसी प्यार ही होगा।।


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