राही, घबरा मत जाना
राही, घबरा मत जाना
जीवन में कभी-कभी ऐसे दिन भी आते हैं,
खून के रिश्ते भी छोड़ कर दूर चले जाते हैं।।
कितना भी हो बुरा वक़्त, एक दिन कट ही जाता है,
हिम्मत और हौसला हो तो अँधियारा छँट ही जाता है।।
चलना पड़ता है जीवन में, अपने ही पग में,
जीते-जी कोई कंधा भी नहीं देता है जग में।।
जीवन में सुख-दुःख का भी जोड़ा होता है,
दुःख दिखता है ज़्यादा, सुख थोड़ा होता है।।
जिनको समझा जाता था कि वो हमारे ही होंगे,
हर मौके पर संग देंगे, और सहारे भी होंगे।।
वक़्त पलटता है, तो अपने भी कतराते हैं,
भारी भीड़ में भी लोग यहाँ अकेले रह जाते हैं।।
हे राही! घबराकर कभी हिम्मत न हार जाना,
‘उल्लास’—राह में रोड़े हों, फिर भी मत घबराना।।
