STORYMIRROR

S R Daemrot (उल्लास भरतपुरी)

Inspirational

4  

S R Daemrot (उल्लास भरतपुरी)

Inspirational

परख

परख

2 mins
338


किसी को परखना है तो,अपने आप से परखो।

बुद्धि, विवेक और आत्मविश्वास से परखो।। 

औरों की बातें यूँ ही, अगर मान जाओगे। 

धोखा मिलेगा दोस्त, सच न जान पाओगे.


अच्छा जो लगे तुमको, बताते हैं यहां लोग।

और ढोलकी बनाके, बजाते हैं यहां लोग

शब्दों को करीने से, सजाते हैं यहां लोग

झूँठ को भी सलीके से बताते हैं यहां लोग।

गफलत में उनकी बातें, अगर मान जाओगे

अपने विवेक को अगर, ना काम लाओगे।

धोखा मिलेगा दोस्त, सच न जान पाओगे.


दाँतों का वो प्रयोग करते , पूँछ की तरह।

वो झूठ को भी ताव देते, मूँछ की तरह ।।

चमकाएंगे पॉलिश भी, बिना ब्रश करेंगे।

नृत्यांगना सा नृत्य, यहां पुरुष करेंगे। 

इनकी घूमर के नृत्य में, अगर तुम घूम जाओगे। 

चक्कर कटाएँगे कि, जमीं चूम जाओगे ।

धोखा मिलेगा दोस्त, सच न जान पाओगे.


ये तेज होते हैं ,बड़े ही घाघ होते हैं। 

तीखी चौंच नाखूनी पंजे वाले बाज़ होते हैं। 

वर्षों के अनुभवी से, बड़े ही धीर दिखेंगे । 

शान्ति दूतों से ये गंभीर दिखेंगे। 

ज्यादा मधुर वचन हों,तो जरा टेक लीजिए। नजरें मिलाते हैं कि नहीं, देख लीजिए। 

इनकी उँगलियों के भी नहीं, निशान पाओगे। 

धोखा मिलेगा दोस्त, सच न जान पाओगे.


चक्कर काटते हुए ये,आस पास दिखेंगे।

ऊपर से देखोगे तो, बड़े खास दिखेंगे।

शिष्टाचार,अनुशासन की ये मिशाल दिखेंगे।

नैतिकता संस्कारों से, मालामाल दिखेंगे।

ऐसा लगेगा दुनिया में,बस इंसान यही हैं।

अखिल विश्व में ,मानवता का सम्मान यही हैं।

खोजोगे इनको ढंग से तो, पहचान जाओगे।

"उल्लास" की कविता को भी, सच मान जाओगे।

नहीं तो...

धोखा मिलेगा दोस्त, सच न जान पाओगे.


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational