गाँव गली में मधुशाला
गाँव गली में मधुशाला
सड़कों पर घूमें गौ माता,
खाली हो रही गौशाला।
शिक्षा पर लगाम लगेगी,
बंद हो रही पाठशाला।
अर्थ व्यवस्था सुदृढ़ हेतु,
खुलने लगी हैं मधुशाला।
गायों के झुण्ड हैं,सड़कों पर
खाली दीखें गौशाला।
नैतिकता हुई लोप निकल गया
संस्कारों का दीवाला।
शिक्षा पर लग रही लगाम,
हो रही बंद पाठशाला।
देश बने मज़बूत खुल रही,
गाँव-गली में मधुशाला।
जब तक राजनीति में 'राज' रहेगा,
बंद ना होगा घोटाला।
रील बनाने में व्यस्त आजके,
देवानंद और मधुबाला।
जो सच की बने आवाज़ उन्हें
झूठों ने मरवा डाला।
“उल्लास” कहें पीड़ा किससे,
अब कोई नहीं सुनने वाला।
