जुदाई
जुदाई
1 min
411
ग़म बहुत है दुनिया मे
पर सबसे जुदा जुदाई का ग़म
सब दर्द सहे जाते है
पर ना सहा जाता है जुदाई का ग़म
याद तुझे करके रोता है दिल
होती है आंखे बार-बार ही नम
करके देखे मैंने इलाज कई ही
पर ये है लाइलाज ना होता कम
इस मर्ज का इलाज ना कहीं और
बस मरहम है एक तेरे पास ही सनम
लौटकर तू आजा एक बार सही
ग़म-ए-जुदाई अब कर दे तू ख़त्म।