मजदूर/श्रम
मजदूर/श्रम
स्वेद से परिपूर्ण हूं मैं
अश्रु भाव से पूर्ण हूं मैं
कर्मठ हूं मैं बोझिल नहीं
समरूपता से ओझल नहीं
एओ, ओय कहते सभी
आत्मीयता ना देते कभी
नाम से गुमनाम हूं मैं
श्रमिक रूप पहचान हूं मैं
दैनिक वेतन अर्जक हैं हम
मजदूर हैं, नहीं दर्शक हैं हम
तिनका तिनका जोड़कर
भत्ते में भी भत्ता छोड़कर
रोजाना घर चलते है हम
हम नहीं है किसी से कम।