कौन हूँ मैं
कौन हूँ मैं
कौन हूँ मैं , ये मेरा मसला है
मेरी कहानी मुझे है मालूम
हस्ती मेरी पता है किसे
बताई ही नहीं तो किसे ही गिला है
कौन हूँ मैं, ये सिर्फ़ मेरा मसला है
गर मैं गिर जाऊं कहीं,
तो किसे है पड़ी
गर चढ़ जाऊं आसमान तो
तो रास्ता सिर्फ़ मुझे पता है
कैसा था सफ़र न जान पायेगा कोई
लेकिन मंजिल न मिली तो पूछेंगे एक दिन
कौन हो तुम,
कौन हूँ मैं, ये मेरा मसला है
कैसे हैं रहते, कैसे हैं जीते
पल पल जहन में
क्या क्या हैं सहते
देखा जो तुमने
वो एक भ्रम था
मेरी नजर में सब कुछ अलग था
जान न पाओगे मेरी कहानी
कभी तो लगती हूँ ख़ुद से बेगानी
कौन हूँ मैं, ये मेरा है मसला है।