मन की बात शब्दों में डाल लिखती हूँ आपबीती, थोड़ा प्रयास है नाम को नाम दिलाने का, बाकी है फ़कीरी 🙏
उसमें ताकत होती है, सबको साथ लेकर चलने की, उसमें ताकत होती है, सबको साथ लेकर चलने की,
थोड़ा सा घर रह जाता है हमारे जज़्बात में। थोड़ा सा घर रह जाता है हमारे जज़्बात में।
कुछ किया तुमने, हां, मन का किया। कुछ किया तुमने, हां, मन का किया।
लेकिन मंजिल न मिली तो पूछेंगे एक दिन कौन हो तुम, लेकिन मंजिल न मिली तो पूछेंगे एक दिन कौन हो तुम,
प्यारे मोती से अक्षरों से लिखी भावनाओं की पाती समा जाती थी एक कागज़ के टुकड़े में. प्यारे मोती से अक्षरों से लिखी भावनाओं की पाती समा जाती थी एक कागज़ के टुकड़े म...
बस भरे मन को अक्षरों में गढ़ हल्का कर देना। बस भरे मन को अक्षरों में गढ़ हल्का कर देना।
फिर मेरी नजरें ढूंढती तो नदी से निकल मेरे साथ चलने लगती फिर मेरी नजरें ढूंढती तो नदी से निकल मेरे साथ चलने लगती
दिखावे की दुनिया में रह कर, फिर अकेले में ख़ुद में गुम हो जाना दिखावे की दुनिया में रह कर, फिर अकेले में ख़ुद में गुम हो जाना