कांटो की तरह चुभती है
कांटो की तरह चुभती है
कांटों की तरह
चुभती रहती है
तुम्हारी वो सारी
दिल दुखाने वाली बातें...
भुलाये नहीं भूलती हैं
रह रहकर रुलाती रहती हैं
दिल को मिला है गहरा ज़ख्म
जब भी तुम्हारा वो चेहरा याद आता है
दुःख पीड़ा का मानो सैलाब फुट रहा हो
सदमा दे गया तुम्हारा वो क्रूर भरा शब्द
वो क्रूर चेहरा वो व्यवहार।
अब तुम माफ़ी मांगते हो
माफ़ करें या ना करें
इस बात में ना है अब कोई दम
माफ़ कर देने से भी
मेरा ये घाव तो भर नहीं जाएंगे
चलो जाओ अब तुम मेरे ज़िन्दगी से
अब दुबारा ऐसा किसी के साथ न करना
सुधार लो ख़ुद अपने को
तुम जीयो अपनी ज़िन्दगी
हमें छोड़ दो अपने हाल में ...