तेरी मेरी अनकही कहानी
तेरी मेरी अनकही कहानी
तेरी मेरी अनकही कहानी,
तुझसे शुरू हुई, तुझपर ही खत्म हुई मेरी कहानी।
हम एक दूसरे से शब्दों से कुछ कह नहीं पाए,
आँखों से शुरू हुई यह कहानी,
आँखों पर ही खत्म हुई यह अनकही कहानी।
हम एक दूसरे से शब्दों से कुछ कह नहीं पाए,
आँखों से शुरू हुई यह कहानी, आँखों पर ही खत्म हुई यह कहानी।
समाज ने आगे बढ़ने ही ना दी हमारी अनकही कहानी,
वो रोके हमें, अपने नियमों में जकड़ा दिया हमारी कहानी।
समय बिता गया, कहानी के पन्ने पलट गए,
हमारी राहें अलग हो गईं, दूरियाँ पलट गईं।
पर इस अनकही कहानी में छुपी एक बात है,
तेरी मेरी अनकही कहानी,आँखों से शुरू हुई यह कहानी।
समाज ने आगे बढ़ने ही ना दी हमारी अनकही कहानी,
जुबानों पर थे इल्जाम, अजनबी रही हमारी पहचान।
आगे निकलने की मिली न कोई अनुमति थी यह आँखों की कहानी,
तुझसे शुरू हुई, तुझपर ही खत्म हुई मेरी कहानी।
हम एक दूसरे से शब्दों से कुछ कह नहीं पाए,
हमने सहा विरोध, संघर्षों को झेला
अब छुपाए रहने की नहीं कोई कहानी,
आँखों से शुरू हुई , आँखों पर ही खत्म हुई यह कहानी।
आँखों से बहा जो आंसू, जिसे समझा कोई नहीं,
हमारी अनकही कहानी, रह गई अधूरी कहानी।
पर हम नहीं थमेंगे, जुबानों से जो न कही जा सकी,
बसती रहेगी वह आँखों की कहानी।