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ashok kumar bhatnagar

Tragedy

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ashok kumar bhatnagar

Tragedy

“टूटा हुआ दिल "

“टूटा हुआ दिल "

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कभी था एक ज़माना, जब मेरे साथ तू था 

हंसते खेलते बिताते थे हम पल

पर अब तू गया छोड़ गया दरिया में,

तूने तोड़ा है मेरा दिल।


हर सांस में तेरी यादें बसी हैं,

कैसे भुला दूँ मैं तुझे इस ज़माने में।

दर्द का ये रिश्ता कभी ना टूटा है,

तूने तोड़ा है मेरा दिल।


जीवन का सफर हो गया है अजनबी,

धड़कते दिल की खो गई है धड़कन 

दिल हो गया है दरिया, बहता है आँसू,

बिछड़ते हैं दिल, बन गए हैं रूह।


तूने तोड़ा है मेरा दिल,

ये ख़ुशियाँ छीन गया मुझसे तू।

मेरे दर्द को तूने नहीं समझा,

यादें बहुत हैं तेरी, दिल में उमड़ आती हैं,


प्यार की कविता, बयां करती ये आहट,

टूटा हुआ दिल, लिखता है ये कहानी

मुसाफिर बन गये हैं, तारों की छाया में,

क्या करूँ ये दर्द मेरे पास अब बस यादे रहती हैं।



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