तुम खेल लेना जितना..
तुम खेल लेना जितना..
हम खिलौना बन जायेंगे, तुम खेल लेना जितना!
हम टूट नहीं पाएंगे, तुम खेल लेना जितना!
हमें दर्द नहीं होगा, तुम खेल लेना जितना!
हम मरहम नहीं लगाएंगे, तुम खेल लेना जितना!
सर्द नहीं होंगी रातें,
अंजुमन सजाएंगे,
दीए से चिपककर,
तबस्सुम हो जायेंगे,
हसरत से न देखेंगे,
न चांद से बतियायेंगे,
न रातों में बेकरार जगेंगे, तुम खेल लेना जितना!
खुद को सहारा, कोई देगा अब कितना!
पर!
हम गिर नहीं पाएंगे, तुम खेल लेना जितना!
केवल तुम से न हो, तो शामिल कर लेना औरों को,
हम गैरों से भी छिड़ जायेंगे, तुम खेल लेना जितना!
मोहब्बत इतनी आसन होती, तो कुछ गिने–चुने ही क्यों करते?
तुम लैला–शीरी न बन पाओ कोई बात नहीं,
हम मजनूं–फरहाद बन जायेंगे! तुम खेल लेना जितना!!