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Raju Kumar Shah

Action Inspirational

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Raju Kumar Shah

Action Inspirational

हो जाऊं बलिदान!

हो जाऊं बलिदान!

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मैं अभिमानी देशप्रेम का, मेरी इतनी आन!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!

कर जाऊं बलिदान यहां पर शतक जीवन की धारा,

अमर हो जाऊं गोद में इसके, दिल करे यही पुकारा,

दिल करे यही पुकारा राजे, इसी में मेरी शान!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!

रक्त बनाया इस मिट्टी ने,

देह बनाया इस मिट्टी ने,

ठौर दिया और दौर दिया,

अन्नपूर्णा बनकर कौर दिया,

सत सत नमन हे ईश्वर तुमको, जो मिली यहां पहचान!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!

गौरवशाली इतिहास हमारा,

कहां कहां न झंडा गाड़ा,

शांति, संस्कृति, सम्मान के धारक,

सिंधु काल के हमीं विचारक,

युग युग तक ज्ञानी बनकर, सृष्टि में बांटा ज्ञान!

सृष्टि में बांटा ज्ञान गुरु ने क्यों न हो अभिमान!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!

शीश चढ़ाकर निज माटी पर हो जाऊं बलिदान!


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