नारी तू ब्रह्मा
नारी तू ब्रह्मा
नारी तू ब्रह्मा सृष्टि की,
संकट में है तेरी सांस।
चंडी तुझको बनना होगा
मत रखना किसी से आस।।
चलती सड़क पर तुझ को मारा,
कायरों का बन गया समाज।
प्रेम के झांसे में न आ,
खुली रखना अपनी आंख।।
मुखौटे यहां लोमड़ी के,
मत कर वफा पर विश्वास।
जाल शिकारी के फैले हैं,
बचा के रखना अपनी लाज।।
चारों तरफ गिद्धों के झुंड,
मत आना तू उनके हाथ ।
अबला नहीं सबला है तू,
पहचान तू अपनी औकात।।