STORYMIRROR

Sudha Sharma

Tragedy

4  

Sudha Sharma

Tragedy

नारी तू ब्रह्मा

नारी तू ब्रह्मा

1 min
248

नारी तू ब्रह्मा सृष्टि की,

 संकट में है तेरी सांस।

चंडी तुझको बनना होगा 

मत रखना किसी से आस।।

 

चलती सड़क पर तुझ को मारा,

 कायरों का बन गया समाज।

 प्रेम के झांसे में न आ, 

खुली रखना अपनी आंख।।


मुखौटे यहां लोमड़ी के, 

मत कर वफा पर विश्वास।

जाल शिकारी के फैले हैं, 

बचा के रखना अपनी लाज।।


चारों तरफ गिद्धों के झुंड, 

मत आना तू उनके हाथ ।

अबला नहीं सबला है तू, 

पहचान तू अपनी औकात।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy