यादों की बारिश
यादों की बारिश
सबका मालिक एक है,
तो फिर इतने खुदा क्यों है?
लाखों घर हैं रब के,
तो कोई लाचार बेघर क्यों है?
इक रात की ही थी ज़िंदगी,
तोफिर उसकी सुबह क्यों है?
जो कलमें वफा के पढ़ता था,
वो आज किसी गैर का क्यों है?
मेरी आँखों में है तेरा अक्स,
तो आईना जलता क्यों है?
बज्म -ए -यारां में बैठे हैं,
तो भी दिल तन्हा क्यों है?
चराग रोशन है हर तरफ,
तो भी धुंधलका क्यों है?
अमन, दुआओं की कतार है
फिर ये नफरत क्यों है?
खुद पलट कर जाने वाले
फिर तू तन्हा क्यों है?
आज मेरे शहर में
उसकी यादों की बारिश क्यों है?