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Lalita Vimee

Romance

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Lalita Vimee

Romance

कैसे

कैसे

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गहरी रात में रास्ता नजर आता नहीं

आँधियाँ है बहुत तेज चिराग जलायें कैसे।

खता लम्हों की दर्द -ए-ज़िंदगी बन गई,

इसे हाथों की लकीरों से मिटायें कैसें।।

हम खामोश ही रहे, दस्तक तुमने भी न दी

फिर वक्त पर इल्ज़ाम लगाये कैसे।।

कोई वादा होता तो टूटने का रंज भी होता,

अब इसे वादा खिलाफी भी बतायें कैसे।।

हम थम ही गए ज़िंदगी चलती रही,

अब ये फासले भी मिटायें कैसे।।

मिलने बिछुड़ने का दिन एक था,

फिर तारीख़ को कैलेंडर से हटायें कैसे।



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