“ जरा सा सामने आजाओ ”
“ जरा सा सामने आजाओ ”
हमें तो आप से मिलने की हैं बड़ी चाहत !
जरा सा सामने आ जाओ तो मिले राहत !!
हमें तो आप से मिलने की हैं बड़ी चाहत !
जरा सा सामने आ जाओ तो मिले राहत !!
हमें तो आप से.................!!
गुजर गए हैं दिन उँगलियों पे गिन गिन के !
दिए हैं ताने हमें लोगों ने भी बड़े चुन चुन के !!
गुजर गए हैं दिन उँगलियों पे गिन गिन के !
दिए हैं ताने हमें लोगों ने भी बड़े चुन चुन के !!
करेंगे परेशान इस तरह भला क्यूँ नाहक !
जरा सा सामने आ जाओ तो मिले राहत !!
हमें तो आप से मिलने की हैं बड़ी चाहत !
जरा सा सामने आ जाओ तो मिले राहत !!
हमें तो आप से.................!!
विरह के गीत को कानों में कई बार सुन सुन के !
नयन से नीर बहे मोतियों के टुकड़े बन बन के !!
विरह के गीत को कानों में कई बार सुन सुन के !
नयन से नीर बहे मोतियों के टुकड़े बन बन के !!
करेंगे हमको भला कब तलक यूँ आहत !
जरा सा सामने आ जाओ तो मिले राहत !!
हमें तो आप से मिलने की हैं बड़ी चाहत !
जरा सा सामने आ जाओ तो मिले राहत !!
हमें तो आप से.................!!