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Gaurav Dhaudiyal

Drama

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Gaurav Dhaudiyal

Drama

जो अधूरा रह गया था…..

जो अधूरा रह गया था…..

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राख के बीच एक सपना अधजला सा रह गया था

मैंने उसको समेटा फिर नरम हाथों से उसको साफ़ किया


वो सपना अभी भी साँस ले रहा था

मगर अब वो बस कुछ अधमरा सा रह गया था


कितनी शिद्दत होगी उस सपने में 

हज़ारों दर्दों की दाह में भी वो पूरा जल नहीं पाया था

उम्मीद थी बची अभी भी उसकी ताप में

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मगर अब वो बस कुछ मूक सा रह गया था


यही होता है जब आपकी आँखें आज भी उम्मीद में हो

मगर आपके मुक़द्दर को उसके टूटने का यक़ीन पहले ही हो गया था

वो सपना मेरा ही था जो अधूरा रह गया था

विरह की वेदना में वो अधजला रह गया था

वो एक सपना था 

जो अधूरा रह गया था……………..



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