सभी के बारे में कुछ ना कुछ बताने के लिए होता ही है मगर ऐसा क्या है जो हम सभी में एक ही जैसा है हम सभी के मन में कई सवाल है में भी कुछ सवालों के जवाब ढूंढ रहा हूं ख़ामोश होकर बस जवाबो को महसूस कर रहा हूं
उसके साथ शाम को जहां बैठ कर मैं अपना दिल रखता था उन सभी किनारों के बारे में उसके साथ शाम को जहां बैठ कर मैं अपना दिल रखता था उन सभी किनारों के बारे में
उम्मीद थी बची अभी भी उसकी ताप में मगर अब वो बस कुछ मूक सा रह गया था उम्मीद थी बची अभी भी उसकी ताप में मगर अब वो बस कुछ मूक सा रह गया था
मगर आज सिर्फ़ दिल से उसका नाम लिया और मेरी दुआ क़बूल हो गयी। मगर आज सिर्फ़ दिल से उसका नाम लिया और मेरी दुआ क़बूल हो गयी।
इसका जवाब में तुम सबसे पूछता हूं अपने ख्वाबों के बंद ताबूतों में ढूंढता हूं इसका जवाब में तुम सबसे पूछता हूं अपने ख्वाबों के बंद ताबूतों में ढूंढता हूं
मोहब्बत के दायरे में बेबस मेरे आज ने अपने कल को चुना था मोहब्बत के दायरे में बेबस मेरे आज ने अपने कल को चुना था
रवि सा तेज लिए ललाट पर रंगभूमि में वह कौन आया है रवि सा तेज लिए ललाट पर रंगभूमि में वह कौन आया है
प्रेम भक्ति का आधार है और मोह से भय का संचार है प्रेम भक्ति का आधार है और मोह से भय का संचार है
छोटी छोटी ख़ुशियों में अपनी एक अलग ही दुनिया व्यतीत करती हैं छोटी छोटी ख़ुशियों में अपनी एक अलग ही दुनिया व्यतीत करती हैं
अमृत देकर जो विष पिए जगत में वही मनुष्य महान है। अमृत देकर जो विष पिए जगत में वही मनुष्य महान है।
मिलते ही न ज़ाने कैसे ये शाम हो आती है मिलते ही न ज़ाने कैसे ये शाम हो आती है