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Manjull Lucknowi

Tragedy Inspirational

4.0  

Manjull Lucknowi

Tragedy Inspirational

जबसे पुत्र शहीद हुआ है पूरा घर सन्नाटे में है।

जबसे पुत्र शहीद हुआ है पूरा घर सन्नाटे में है।

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बाबू जी का दिल दिमाग़ तकिया बिस्तर सन्नाटे में है।

जब से पुत्र शहीद हुआ है पूरा घर सन्नाटे में है।

खेत बाग़ खलिहान मड़इया का छप्पर सन्नाटे में है।

हल खुरपा हसिया कुदाल ट्राली ट्रैक्टर सन्नाटे में है।

जल लोटा भर रोज़ चढ़ा कर जिसके पैर छुए जाते थे,

अम्मा आँगन तुलसी चौरे का पत्थर सन्नाटे में है।

रोबीला व्यक्तित्व गरज़ता स्वर जिसके हम सब आदी थे,

चुप हैं बाबू जी उनका अक्षर-अक्षर सन्नाटे में है।

पथराईं अम्मा की आँखें आँसू सूखे नहीं बहन के,

गाँव गली घर अंदर-बाहर सब मंज़र सन्नाटे में है।



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