'जाती कहाँ हूँ'..!
'जाती कहाँ हूँ'..!
एक दिन तेरी यादों ने मुझसे कहा...
ये तेरी ग़ैर मौजूदगी मेरी जान ले लेगी,
तेरी गैरहाज़री में जीना मुझे अच्छा नहीं लगता...!
मैंने भी कह दिया...
सुन ज़रा...!
जाती कहाँ हूँ...,
थोड़ा सा तुमको अपने पास और थोड़ी सी ख़ुद को
तुम्हारे पास छोड़ जाती हूँ...।