प्रेम पुकार
प्रेम पुकार


तू सुन तुझे पुकारे नैना।
तू जिस डाल का तोता।
मै हूं उस डाल का मैना।
सच कहती हूं मैं,
पूछ लो यहां के गुलशन और गलियों से।
तेरे बिन मुझे मुश्किल है रहना।
तू सुन तुझे पुकारे नैना।
सच कहता है कंठ हमारा।
दिन रात तुझे पुकारता है।
सवाल पूछता है अपने आप से।
कुछ कहने से डरता है।
मै कैसे कहूं सच है या फ़साना।
तू सुन तुझे पुकारे नैना।
मै निर्झरणी जैसी बन गई हूं।
कुछ रह गया तेरे बिन काम अधूरा।
सनसनी अब फैल रही है मेरे दिल में।
क्या मै तेरे लिए हरजाई हूं।
डूब जाती हूं तेरे ख्वाबों में,
अब कठिनाई होती हैं जीना।
तू सुन तुझे पुकारे नैना।