तुमसे करनी कुछ बात बाकी है
तुमसे करनी कुछ बात बाकी है
तुमसे करनी कुछ बात बाकी है
जाने कितनी अधूरी रात बाकी है!
आओ हमारी गली अभी सावन की पहली बरसात बाकी है
हमने सोचा मिलोगे कभी तो शिकवे हजार होंगे
क्या पता था उनके भी उस दिन बंद किवार होंगे
छुआ जो तूने वह एहसास बाकी है
हमारे हिस्से का साथ भी बाकी है!
मेहंदी लगी हाथों पर तेरा नाम ढूंढना है
तेरी पनाहों में आखिरी बार आंखें मूंदना है
दिया जो तूने वह दर्द बाकी है थोड़ी ठीक हुई थोड़ी मर्ज बाकी है
सिखाया नहीं तूने गम में मुस्कुराना और छुपाना तकलीफ वाला चेहरा
कुछ तो रहम करता सितमगर लगाने से पहले दिल पर पहरा
तेरे हिस्से की कुछ वफाएं बाकी है
तूने किए गए वादे जो निभाने बाकी है
तुमसे तुमसे करनी कुछ बात बाकी है
जाने कितनी अधूरी रात बाकी है!