STORYMIRROR

Devesh Dixit

Fantasy

4  

Devesh Dixit

Fantasy

जादू

जादू

1 min
397

काश कुछ ऐसा जादू हो जाए

सारी पृथ्वी स्वर्ग बन जाए

फूलों से भरा बगीचा हो

जो वातावरण को महकाए

सब खुशी से झूमे गाएं

वाणी में मिश्री घुल जाए

कटु शब्द का स्थान न हो

ऐसी प्रभु लीला हो जाए

बचपन सा जीवन हो जाए

लड़ें और फिर एक हो जाए

द्वेष भाव का स्थान न हो

मनोहर सारा दृश्य हो जाए

खून-खराबा न होने पाए

गुनहगार न बचने पाए

ऐसी सजा मिले दुष्टों को

जिससे गुनाह फिर पनप न पाए

काश कुछ ऐसा जादू हो जाए

सारी पृथ्वी स्वर्ग बन जाए

फूलों से भरा बगीचा हो

जो वातावरण को महकाए



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy